झण्ड प्रेम

मेरे ख्वाबों  को  मार डालोगी।
सितम मुझ पे हजार डालोगी।
तुम्हें  अब  मैं  गर न  देखूं तो।
हुस्न का क्या अचार डालोगी?

जीने -मरने की कसम खा लोगी।
साथ रहने पे नाटक दिखा लोगी।
गर  तुम्हें  मैं  प्यार न  समझूँ तो।
जवानी का क्या पान कर लोगी?







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