मै हूँ

1-इस दुनिया में जिन्हे प्रेम मिला, वे बहुत भाग्यशाली हैं और जिन्हें प्रेम नसीब नही हुआ, वे सहानुभूति के पात्र हैं।

2-प्रेम शरीर की वह अमृतमयी खुराक है जो शरीर के अन्दर मरे हुए भावों को भी जिन्दा कर देता है, परन्तु कुछ लोग प्रेम को धन-दौलत से तौलते हैं।

3-

Comments

Popular posts from this blog

"तू-नी-दिली"

"चंचल मन"

🤔🤔🤔